क्यों है दुनिया मन की भिखारी......


एक बार मैबस में सफ़र कर रहा था तभी उस बस में एक छोटी सी बालिका जो की एक भिखारिन थी आई और सभी से भीख मांगने लगी। मैं उस बस में सबसे पीछे की सीट पर बैठा था उस बसमे किसी भी व्यक्ति ने उसे भीख नहीं दी लेकिन जब वह लड़की मेरे पास आई तो मैंने उसे पैसे दे दिए तो यह देखकर उस बस में मौजूद और लोगो ने भी उसे भीख दे दी। मेरे कहने का मतलब यह है की दुनिया में ऐसीबात नहीं है की लोगो के पास सामर्थ्य नहीं है असली बात तो यह है की उनका मन नहीं है। आज की यह दुनिया तो केवल मन की भिखारी है न दी धन की.और मन एक इसी चीज़ है जिसे आप किसी से पैसे के बदले में खरीद भी नहीं सकते इसलिए आप खुद ही अपने मन को AMIR अर्थात दिलदार बनाये।

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