सोती सरकार और जगाता नक्सल

अरे कोई तो जगाओ इस सोयी हुई सरकार को जो वर्षो से सो रही है और लोगो की नींद की परवाह भी नहीं कर रही है। और इसकी नींद का हर्जाना भारत की मासूम जनता को भरना पद रहा है। और हर्जाने का एक छोटा सा नमूना तो आपने अभी नक्सलियों के द्वारा ली गयी सैनिको की भेंट को तो आप सभी ने देख ही लिया होगा। मुझे तो चिंता इस बात की अधिक हो रही है की अभी और कितनी इस प्रकार की किस्ते हम भारतीय इन नक्सलियों को सोगात के रूप में देंगे। यदि सरकार अभी भी इसी प्रकार से सोती रही तो देश की शांति की लापता होने की रिपोर्ट लिखने को भी कोई नहीं बचेगा। सरकार कहती है की हम इस ऑर अब गहनता से ध्यान दे रहे है पर मैं उनसे पुचना चाहूँगा की सरकार हर मुद्दे पर कदम उससे होने वाली हानि के बाद ही क्यों उठती है यदि यही कदम जिन्हें उठाने का आश्वासन सरकार अब दे रही है उन कदमो को पहले ही उठा लिया जाता तो क्य० आज हमें यह दिन देखना पड़ता।

Comments

  1. यदि यही कदम जिन्हें उठाने का आश्वासन सरकार अब दे रही है उन कदमो को पहले ही उठा लिया जाता तो क्य० आज हमें यह दिन देखना पड़ता।

    tabhi to kehta hoon sarkar hamesh soti hi rehti hai...........

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