नन्हा मुन्ना राय हूँ...........


कल शाम को जब मेरा मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो मन ने सोचा की क्यूँ न आज बाजार की घुमाई कर ली जाए। जब मन ने ठान ही ली की बाजार जाना ही है तो फिर भला कैसे रुका जा सकता था सो हम बाजार गए। जब मै बाजार में एक चाय की दूकान वाले के नुक्कड़ पर पहुंचा तो मैंने देखा की एक नन्ही सी जान वहां उन कपो को साफ़ करने में लगी थी। उस छोटे से बच्चे से उसके मालिक का जो व्यवहार था उस प्रकार का व्यवहार तो सभी व्यक्ति कभी नहीं कर सकता। इस बात को देखकर हमें आग बबूला होते देर न लगी। लेकिन हमारे आग बबूला होने का असर उस दुकानदार पर अधिक नहीं पड़ा और कहने लगा की पैसे देता हूँ सो काम तो लूँगा ही । मैंने उसे कहा की सुनिए भरता आप इसे पैसे काम के देते है । इसके साथ बुरा बर्ताव करने के लिए नहीं देते है। इसके बाद वह आदमी कुछ समझा। मैंने उस नन्ही सी जान से पूछा की तुम पड़ी को छोड़कर ये काम क्यों करते हो तो उसने अपनी मासूमियत भरे जवाब से मुझे सोचने पर मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने मुझसे कहा की मेरे पिताजी शराबी है और वो पैसे कमाते नहीं है। और मेरे घर में मेरे अलावा पांच सदस्य और है जिनमे दो बहाने है। और एक छोटा भाई है। यदि में काम नहीं करुँग तो फिर मेरा परिवार कैसे चलेगा। उस बच्चे की अपने घर के प्रति जिम्मेदारी देखकर मै तो स्तब्द रह गया। और सोचने लगा की क्या इसकी परेशानी का कोई इलाज नहीं। यदि आज भारत का भविष्य कहे जाने वाले आधे से अधिक बालको की यह हालत है तो फिर हमारा देश आने वाले समय में क्या ख़ाक प्रगति करेगा। और हम सोचते है की आने वाले दिनों में भारत विक्सित देशो की श्रेणी में आ जायेगा। हालांकि अब सभी को शिक्षा का अनिवार्य अधिकार दे दिया गया है लेकिन क्या अधिकार दे देने मात्र से समस्या का हल हो जाएगा। जी नहीं, एसा कुछ नहीं है। इस क़ानून की कड़ी से पालना करवानी होगी। आज भी भारत की आधी आबादी को इस अधिकार क बारे में कुछ पता नहीं है और इसी से पता चल जाता है की यह अधिकार कितनी सफलताओ को पा चुका है और कितनी विफलताओ को। बाल मजदूरों को इस बारे में बताने के लिए कोई विशेष योजना बनायी जानी चाहिए ताकि जिनके लिए इस अधिकार का निर्माण किया गया है उनको इसका सही फायदा मिल सके। और इस बारे में मै सभी ब्लोग्गर भाइयो से भी निवेदन करूँगा की वो सभी भी इस प्रकार के हालातो से गुजरने वाले बच्चो को प्रेरित करे शिक्षा लेने के लिए। और आप का यह सहयोग देश सेवा करने का ही एक तरीका होगा। सो आप सभी से मेरा यही निवेदन है की देश के नन्हे मुन्नों को शिक्षा की रोशनी दिखये। ताकि देश का विकाश सही समय पर हो सके।

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