क्या जिंदगी हो गयी है अब.........

जब मै स्कूल में था तो टीचर कहते थे की जल्दी से नोकरी लग जाओ लाइफ बन जायेगी। लो भाई, गुरूजी की इस बात को भी पूरा कर दिया लेकिन कोई देखे तो सही ये लाइफ कैसी बन गयी। शायद बच्चो की मेरी ये बात मजाक लगे लेकिन कोई ही बुजुर्ग मेरी इस बात से सहमत ना हो एसा मुझे नहीं लगता। वो सुबह देर तक सोना और फिर मम्मी की डांट पर एक दम से उठना, घर वालो के साथ टाइम बिताना कितना अच्छा लगता था लेकिन अब जब नोकरी लग गयी है तो मम्मी की डांट क बिना ही आँखे जल्दी खुल जाती है आखिर ऑफिस में काम जो करना है। खेलना तो बस अब अतीत का एक काम बन कर रह गया है और इस बहाने बने दोस्तों से दूरिय भी बाद गयी है पर मै सोचता हु क्या इसी लिए नोकरी लगे थे । क्या गुरु देव इसी को लाइफ बनाना कह रहे थे। आज जब मै किसी अपने से मिलाने की कोशिश भी करता हु तो वह कहता है की आज तुम्हे मुझसे मिलाने की फुर्सत कैसे मिल गयी और मै उसे कुछ जवाब भी नहीं दे पता और इसी कारन अब मैंने तो लोगो से मिलाना भी छोड़ दिया है और इस तरह से रिश्ते भी कम होते जा रहे है। आखिर कैसी जिंदगी हो गयी है ये................................

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